Saturday, 14 November 2015

तुम रखवाला हूजो गुरूजी म्हारा

तुम रखवाला हूजो गुरूजी म्हारा
म्हारा हिरदा ज्ञान दीजो गुरूजी म्हारा
आड़ी वाट जाऊ मक जाण मती दीजो, भूल्या क राह बतावजो
भूल्या मन क फिरि समझावजों, निर्भय पंथ बतावजो
बन म जाई न गय्या चराऊ, साझ पड़े घर आवजो
प्रेम को डोर म्हारा गला सी लगावजो, निर्गुण खुटी बंधाजो
सत सुक्रत को चारो चरावजो, दया को दाणो खीलावजो
शील संतोष की छाया कराजो, सोहम गुठाण बिठाजो
अष्ठ पहर म्हारा संग म रइजो, संत समागम मीलावजो
कहें जण सिंगा सुणो गुरुदेवा, आवागमन मिटावजो