Thursday, 15 December 2022

अजमत भारी क्या कहूँ सिंगाजी तुम्हारी

अजमत भारी क्या कहूँ सिंगाजी तुम्हारी

झाबुआ देश भादर सिंग राजा

अरे जिन गई बाजु को फेरी

जहाज वान ने तुमको सुमरा

अरे जिन डूबी जहाज उबारी

नदी सीपराळ बहे जल गंगा

अरे जिन दुहि झोट कुवारी

कहें जण सिंगा सुणो भाई साधो

अरे थारी माया कीरे बलिहारी

1 comment:

  1. Dear sir apka koi aap banao or ye bhajan us par upload kro jisse yah nirguni bhajan jan jan tak pahunch sake.
    Dhanyawad

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