तुम चलों संत पावाँ हो निदान, सिंगा जी घर हरी क बंधावो रे
बाबा यो पल नहीं आव पावणो आसा बहु दल उतरे पार
बाबा मनुष्या जलम अति दुर्लभ हैं, तुम मानों वचन नर नार
जिन गुरु गोविन्द सेविया वो बहु दल उतरे पार
बाबा धन करणी हो म्हारा सतगुरु की, जिन जीत लियो रे संसार
बाबा दास दल्लुपजा की बिनती, गुरु मख राखो ते चरण अधार