"हम परदेशी पावणा दो दिन का मेजवान"
भला सुहाना देश साईं का, म्हारो हंसो आयो देख साईं का देश पवन नही पाणी, बिन बादल की रेख साईं का देश चंदा नही सूरज, नही तारा की रेख साईं का देश मरण नही जीवन, सब देवन का देव कहे जण दल्लू सुणो भाई साधो प्राणी हो गये एकम एक