Thursday, 15 December 2022

अजमत भारी क्या कहूँ सिंगाजी तुम्हारी

अजमत भारी क्या कहूँ सिंगाजी तुम्हारी

झाबुआ देश भादर सिंग राजा

अरे जिन गई बाजु को फेरी

जहाज वान ने तुमको सुमरा

अरे जिन डूबी जहाज उबारी

नदी सीपराळ बहे जल गंगा

अरे जिन दुहि झोट कुवारी

कहें जण सिंगा सुणो भाई साधो

अरे थारी माया कीरे बलिहारी

Saturday, 3 December 2022

संगी हमारा चंचला, कैसे हाथ जोड़ावे

संगी हमारा चंचला, कैसे हाथ जोड़ावे

काम कोर्ध विष भरी रया

काशी सुख आवे

आया श्री हरी नाम को, सोदा नहीं रे हिसाया

संगत तोता की नहीं

अरे झुटा संग किया

मिट्टी केरा जी धरिया, पाय मनरंग भरिया

पाव पलक कर धरी

अरे वो फेरा किना