"हम परदेशी पावणा दो दिन का मेजवान"
आरे हम सुमरा रे मन माय, गणपती लागा तुम्हारा पाय शीव शंकर ना पुत्र कहाओ, आरे वो गंगा गवरा माय दो्द बड़ी रे दंता सुर मोटा, आरे वो लंबी सोंड रुळाय मोदक लाडु पुजा तुम्हारी, आरे वो रुची रुची भोग लगाय कहेजण दल्लू सुणो भाई साधू,आरेवो हारीहरक गुण गाय
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