Tuesday, 25 October 2022

पांडव चल्या रे बनवास रईयत

पांडव चल्या रे बनवास रईयत सब झुखा हो ठाड़ मं ठाड़
बड़ी फजल प्रभात उठी न लेवा धरम को नाम
पंलग पर सी बठा हुई न, आरे वो धरीया जमीन पर पाव
रईयत रईयत बेटा बेटी हमसे रयो नी जाय
तुम पांडव बनवास सिधारो, आरे हम रवाँ कोण का पास
हतनापुर की रईयत बोली सुणो कोतमा माय
काकड़ पर थारी मड़ी बणावाँ , आरे तुम वहा कटो न बनवास
राजा अर्जून तो ऐसा बोल्या सुणो हमारी बात
बारह बारस एकछण म काटा, आरे हम आवा तुम्हारा पास
राजा भीम तो ऐसा बोल्या सुणो हमारी बात
गदा उठई न कांधा धरिया, आरे तुम चलो मुलाजा तोड़
राजा धरम तो ऐसा बोल्या सुणो सभा चीत बात
गुरू मनरंग और स्वामी गावलीयो, आरे हम रवा तुम्हारा पास

No comments:

Post a Comment