म्हारी मैना वंती माता,
नीर भरो थारा नैन मक्यो रे बैठा तु अनमनो,
क्यो बठीयो रे उदास
दल बादल सब चड़ीरया
बरसः आखण्ड धार
नही वो माता हाऊ अनमनो,
नही बठीयो रे उदास
कोई कहे रे जब हाऊ कहूँ
करु सत्या हो नास
नही रे बादल नही बीजली,
नही चलती रे वाहल
जहाज खड़ी रे दरियाव में
झटका चले तलवार
मार मीठा ईनी सबक,
करु पैड़ी पार
दास दलुजा बिनती
राखो चरण अधार
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