Sunday, 11 March 2018

जुग म अमर राजा भरतरी

प्रथम सुमरु हो देवी शारदा, गणपति न मनावा
जुग म अमर राजा भरतरी, अमर जेकी काया
जा दिन भरयरी जन्मीयाँ, वा दिन अया गोरख नाथ
राजा राणी का मन भाये = जिनका खुली गया भाग
इन्द्र को नात्यो राजा भरतरी, कन्द्रसेन को लड़को
माता पिता रे गुरु देवता = जादव जोशी बुलाव
जादव जोशी बुलाविया, कुवर नाम धरायाँ
जाळू बाळू रे पोथी पादड़ा = जेका मन म समायाँ
नायळ आया रे पींगळा देश का, कुवर मन नही भाया
मेवा मिठाई सारीक खोपरा = पींगळा परणी न लाया
राजा चल्या हो शीकार को, जीन किया रे मुकाम
एक मुकाम राजा दुसरो = यहाँ दियो विश्राम
सात मिरगणी एक मिरग, राजा देख्यो रे जाय
विश्राम राजा न दई दियो = यहाँ खेला रे शीकार
जब उठ मिरगणी यु कहे, राजा सुणो म्हारी बात
हामक मारो रे मिर्गा मती मारो = सती हुई जावा रांड
जब उठ राजा यु कहे, मिर्गी सुण म्हारी बात
नारी क रे हम नही मारा = न लवंडी का कवाय
एक भालो रे राजा दुसरो, तीजो दियो रे चुकाया
म्हारी रे मीरगी क मती मारो = जेक मारो रे हाय
गोस देवो रे गोरखनाथ क, खाल देवो साधु संत
पाव दिजो रे कालो चोर क = जेकी सेज बणाया
सींग दिजो रे सींगीनाथ क, घर घर बंशी बजाये
नैन दिजो रे सुन्दर नार क = जेक कंठ लगाय
खून म् हो कपड़ा रंगी लिया, भेज्या पिंगला का पास
थारो राजो तो लड़ियो बाघ सी = सोनेरी न मारियो
झुट बोल्या रे तुम झुट का, झुटी लायारे पुकार
म्हारा सवामी रे सुख नींद म = सोया पीपल छाय
धरती केरो घर करे, जल करे अस्नान
गर्दन काटू तो ना मरु = आँख फोड़ी जीव जाय
कुवारी हुती रे राजा पीपल पुजती, हल्दी लग्या मख दाग
जोगचारो रे राजा न लईलियो= आसा फुट्या म्हारा भाग
बारा बरस राजा राज करे, तेरवा म गुरु का हो पास
भस्मी झोली जीन लई ली रे = लिया राम का नाम

No comments:

Post a Comment