"हम परदेशी पावणा दो दिन का मेजवान"
निशान बाका कोई जबर देव सिंगा का तीन खाप अतलस अमरुखा पटका मोतन जरकस लर का देश देश का हरिजन आया देखो हाट जत्रा का चार खम्ब का देवन बनाया उपर ध्वजा फैराना कहें जण दल्लू सुणो भाई साधो चरणों में चित रहता
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