बैठ पयाल उड़ाया राम को, जरा सुद पाया राम को
हई रावण न सुरुंग लगाई, रामा दल म आयो
राम रे लक्ष्मण सोया भुमी पर = जरा आल नही आई
पय फाट्यो रे सुरीजमल उज्यो, राम नजर नही आयो
बड़ा जोधा कर रखवाली = जरा भेद नही पायो
हनुमान जोधा ऐसा रे कोरया, दुम का रे कोट बणाया
चन्दा हो सुरज धर धर कापे = धरती न रस्तो बतायो
जब रे हनुमान चल्या लेणक, गीद न शब्द सुणायो
दो रे मुसाफीर का मांस लावजो=जिनकी देवी क चड़ावो
मगरधज और हनुमान का, युद्ध हुआ रे बड़ा भारी
मगरधज को मार घीसेटीयो = जिनको मुसक चड़ायो
जब रे हनुमान चल्या पयताळ, देवी का मंदिर जावे
नल्यो गल्यो रे सब कोई खावे = मंदिर काग उड़ायो
हई रावण ने कड़क उड़ाई, सुमरो श्री जन हारी
धीरसी लक्ष्मण ऐसा रे कैता = हनुमान लेता छोड़ाई
Friday, 11 March 2016
बैठ पयाल उड़ाया राम को,
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वनवासी
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