पति क्यो बैठया उदास रात दिन कई देवो दिल की बात
पति कहे तीरीया से, तुमको कभी नई कण
तीरीया मन में कभी नही राखे=या खोटी तीरीया को साथ
हट पड़ी तीरीया नही माने, अन जरा नही खाये
सब तीरीया तो काई हो सार की=कब कई दिल की बात
मणीया बाद भाई गयो रे बाद म, नही कोई संग सगाली
म्हारा मन म ऐसी आवे = वा करी कृष्ण न घात
इतनी बात सुणी तीरीया न, रात को नींद नी आई
सोचत सोचत रैन गवाई = फिरी हुयो परभात
घर को धंधो सबई छोड़यो, दबड़ी न पनघट आई
सब सखीयाँ तो बराबरी = वहाँ कही दिल की बात
तुक देखी न मन बात कई, तु मती कोई क कयसे
कान कान बा बात चली रे = वा गई कृष्ण का पास
Wednesday, 11 January 2017
पति क्यो बैठया उदास रात
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