अनहद मन म्हारो रमी रयो, धुन लागी रे प्यारी
उस दरियाव की मछली, इस नाले में आई
नाले का पानी तोकड़ा = दरिया न समानी
वस्तु घणी बर्तन छोटा, कहो कैसे समाणी
घर मे धरु बर्तन फुटे = बाहेर भरमाणी
फल मीठा तरुवर ऊँचा, कहो कैसे तोड़े
अनभेदी ऊपर चड़ो = गीरे धरती के माही
बृह्मगीर बृह्मरुप है, बृह्म के माही
बृह्म बृह्म मिश्रीत हुआ = बृह्म में समाये
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