Friday, 15 March 2019

रास मंडल भावे लालजी को

रास मंडल भावे लालजी को रास मंडल भावे
और कछु नही भवे लालजी को रास मंडल भावे
मनचित मुरली मुख धरी मोहन 36 राग सुनावे
व्याकुल भई वो सकल ब्रज बलीता
गर्द भवन तजी आई
मै पतिव्रता तेरी रे मोहन ओर पुरुष नही भवे
अपणा पति को तजा हो महल में
फुल वंती बणी आई
या बंसी म्हारी रंग सुरभि मोहन मणी को दोष लगावे
या बंसी म्हारी सदा बाजती
यो कीन दोष लगावे
बैठ बिमाण इन्द्र इन्द्राणी हरी दर्शन को जावे
जोड़ी हो निरखि श्यामसुन्दर की
विणा नाद सुनावे
ठाड़्यो महादेव मीरदिंग बजावे नारद जन्तर बजावे
रुमझुम -2 सरस्वती नाचे
नर वरणी गण भावे

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