वो हरी आवो रास विलास प्रभु रे लागीयो चित्र चौमास
थारा दर्शन की छे आस
शेष नांग मूल धरण रचायो
चंदन केरो खम्ब लगायो
रेशम लम्बो बंध लगाया
भवर कड़ी को जोड़ मिलाया
मंडल बिच रचीयो रास
गगन मण्डल गरजन लगीयो
गहरी ताल बजायो
36 राग बजाविया
56 करोड़ देवता बिराजे
बीती चलीयो भादव मास
हरी हिरकणी लूम लगाय
मशरूम तकिया बिछाय
चंदा सूरज ना दीपक लगाया
जेको वैकुण्ठ गयो प्रकाश
रास लीला म राधे हो श्याम
नर लीला म सीता हो राम
महादेव गवरा वैकुण्ठ धाम
थारा चरणों म रवा अन दास
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