जा पहुचेगा वो लोक बिंद्राबन नरसिंग रास रचायो
पावन घुंघरू घम-घम बाजावे प्रेम मगन गुण गायो
ताल मिरदिंग शंख धुन बाजे विणा नाद बजायो
ताल मान सुरताल वेद अदभुत रूप दिखायो
भय वो प्रेम सब देव चकित उन मुनि ध्यान लगायो
हरी पूछे जब शिव से हसके सखा कहा से आयो
गड़ गुजरात निवास जुनागड़ नरसिंग नाम धरयो
शिव के वचन जब सुन करुणानिधि नरसिंग कन्ठ लगायो
विधि हरी जब दियो केदार नगरिया यश गायो
No comments:
Post a Comment