Thursday, 28 March 2019

दूर रहो नंदलाला पनघट रोक खड़े


दूर रहो नंदलाला पनघट रोक खड़े खड़े
आरे ग्वालन चली जल भरवा सिर सोना घड़ा भरे भरे
आरे छोटी ननदुळ संग में घर मोरी सास लड़े लड़े
आरे चुन्दड़ मोरी चमके चोमळ रत जड़े जड़े
आरे पत्ता तोड़ी न कदम का पेवो ते दूध दही दही
आरे ग्वालन तेरी कृपा से मोरे घर दूध दही दही
बाण मारीया मदन धरणी पर जाय गिरे गिरे
आरे दन्तन पर मिसी भखँर का भाँग चड़े चड़े
शरण आये सदा से प्रेम का फुल खिले खिले

No comments:

Post a Comment