दूर रहो नंदलाला पनघट रोक खड़े खड़े
आरे ग्वालन चली जल भरवा सिर सोना घड़ा भरे भरे
आरे छोटी ननदुळ संग में घर मोरी सास लड़े लड़े
आरे चुन्दड़ मोरी चमके चोमळ रत जड़े जड़े
आरे पत्ता तोड़ी न कदम का पेवो ते दूध दही दही
आरे ग्वालन तेरी कृपा से मोरे घर दूध दही दही
बाण मारीया मदन धरणी पर जाय गिरे गिरे
आरे दन्तन पर मिसी भखँर का भाँग चड़े चड़े
शरण आये सदा से प्रेम का फुल खिले खिले
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