"हम परदेशी पावणा दो दिन का मेजवान"
घड़ेक तू सोई जारे नदेंडिया बाळ आवत जावत झुलाणा देवा आसी झुलणा दे थारी यशोदा माय मकमुल को थारो अंगो सिलावा आरे थारी टोपी लालम लाल चंदन को थारो पालणो बणावा आसा रेशम डोर लगावा मकमूल की थारी टोपी सीलावा बिच म हिरा लगावा चार
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