Friday, 11 August 2017

भज ले हरि को नाम रे मन तू

भज ले हरि को नाम रे मन तु
बाल पणो तुन खेल गमायो, आयो भरी जवानी
काम म रे तुन वा भी गमाई =नई लियो राम को नाम
आयो हो बुड़ापो न लग्यो हो कुड़ापो, डोलन लाग्यो सारो
शरीर आखें सी तो सुझ नही रे =पड़यो पलंग का माही
राम नाम हरी क घट म हो राखो, दिन आरु रानी
मुक्ति होय थारी आखरी घड़ी रे = भेज वैकुन्ठ धाम
कहत कबीरा सुणो भाई साधू, घट म राखो राम
मनुष जलम काई भाव मिल्यो रे=नई मिल ऐसो धाम

No comments:

Post a Comment