बीरथा जलम हमारो गुरुजी म्हारो
एक क्षण खोया दूजा क्षण खोया, तीजा म सरण आयो
वन में तो गाय चराये = जंगल बास कियो
राज पाट धन माल सब त्यागू, म्हारा रे कंठ प्राण आयो
चरण धोवो रे चरणामत लेवो = चलत आयो गस्त
झट मनरंग न गोद उठायो, मस्तक हाथ फेरयो
राम नाम का शब्द सुणा रे = राम नाम लय लागी
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