"हम परदेशी पावणा दो दिन का मेजवान"
जसोमति आरती संजो हो नरहरि गोकुल म आया
अडिंग धडिंग नगाड़ा बाजे, हरी का नीसाण साजे
कंसराय थारी छात्ती धड़के, थारो बैरी गोकुल गाँव
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