Thursday, 17 November 2022

नानी बाई कर रे अरदास टूट रे नश नाड़ी

नानी बाई कर रे अरदास टूट रे नश नाड़ी

हाऊ टक टक देखू वाट न डोला फाड़ी


गरीब बाप छे म्हारो मायरो कुण लावसे

म्हारी सासु मारग बोल कटारी न गडसे

म्हारी नणद बुराई न करसे बोल मख कयसे

म्हारो देवर बड़ो खराब  बात न कयसे 

म्हारो बाप साधू न की साथ बैल नहीं गाड़ी


म्हारी माँय होती तो आज माण्डवा म आवती

म्हारा माथा फेरती हाथ हाल सब कयती

म्हारो भाई हुतो तो संग म भोजई अवती

म्हारो कुंटुब कबीलों संग म बालक लावती

म्हारा हारा माण्डवा कुण पेरावसे साड़ी


म्हारी करुणा सुणी न आया कृष्ण मुरार

लाया संग राधा रुकमणी जगत करतार

सावलिया सेठ बणी आया हुया तैयार

नानी बाई को सवारयो काज लाया बाजार

हाऊ तुक पेराऊ सायो कुवर क साड़ी


मेहता जी भक्त को प्रभु न बड़ायो रे मान

इना चार युग म हुयो रे अम्मर नाम

म्हारो भगत सिंग न गुरु की बड़ाई शान

कलगी को सायो मन बिड़ो न लई ली आण

ठाकुर भीमसिंग लिख पेन क रे गाड़ी

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