Thursday, 3 November 2022

जगमत जोत झलक रया मोती

 जगमत जोत झलक रया मोती, पारीब्रह्म निरंजन आरती

धरती आकाश उमड़ रया बादल, पाँच नाम अमृत का मोती

काहेन को दिवलो न काहेन की बाती, काहेन जोत जले दिनराती

तन को रे दिवलो न मन के री बाती, सोहंग जोत जले दिनराती

कंचन थाल कपूर के री बाती, घीव की होम जले दिनराती

कहे मनरंगजोड़ की या बाती, या आरती तीनों लोक मे रमती 

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