Monday, 14 November 2022

छोटी कामिनी वो मोटी मृगनयनी

 छोटी कामिनी वो मोटी मृगनयनी अजमत दिल मिलाया कर

सुतार हरचंद कहें वो नार तू गड़ म सी मोती लाया कर

पहले रोज की कहूँ रे हकीकत रस्ते हो उपर आया कर

एक हाथ में सोटा सीर पर टोपी रख कर आया कर

दुसरे रोज की कहूँ रे हकीकत पनघट उपर आया कर

एक हाथ में घड़ा बगल में धोती हो जोड़ा लाया कर

तीसरे रोज की कहूँ रे हकीकत दरवाजे पर आया कर

प्रेमी की आवाज सुन कर झट दरवाजा खोला कर

चौथे रोज की कहूँ रे हकीकत पलंग मेरा बिछाया कर

गासीप तकिया नरम बिछोना उसपर मौज उड़ाया कर

पाँचवे रोज की कहूँ रे हकीकत गादी हो तकिया लगाया कर

भरी जवानी का जोबन तेरा प्रेमी से प्रेम लगाया कर

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