Monday, 21 November 2022

हर हर हो नरबदा माय उतारा थारी आरती

 हर हर हो नरबदा माय उतारा थारी आरती

अमरकंट से तू तो निकलई

आसी आई समुदर का माय

मईया अगल बगल सतपुड़ा विन्द्याचल

थारा दुई दुई भाई कहाय हो

मईया चाँद सूरज थारा खोळा म खेल

आसा मन का मनोरथ होय

मईया राजा रानी थारी परीकम्मा फिर

आसी काया की करो न उधार

मईया दास दासी थारी आरती कर

आसी गलती की करो देवी माफ़

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