Saturday, 19 November 2022

मत कर मान गुमान रे भाई जग में सेवा सुख दाई

मत कर मान गुमान रे भाई जग में सेवा सुख दाई

ईश्वर का गुड़ समझकर बात बनावणु काई

परभू घट घट की जाणी रया रे

फिर क्यों बात छिपाई

भाड़ा को यो भजन करयो तो मिल्यो डाकू म जाई

झूठो पुन्य बेचकर तू न

झूठो धर्म कमाई

भार भुत या बणी जिन्दगी तुन बिरथा गमाई

जीवन का करतब नि करतो

बणी गई जिन्दगी गंदी

सारा पाप भरयो रे मन म कैसो भजन गाई

ढोल मंजीरा और झांजरी

बिरथा तुन बजाई

अपणा पाप को हिसाब बतईद करील धर्म कमाई

मुफ्त की जो खाई कमाई

दई द पाई पाई

कहें हरिसिंग सुणो रे भाई करो जग म भलाई

दान पुन्य सब करो रे

करी लेवो धर्म कमाई

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