Tuesday, 15 November 2022

आसाड़ महिना की जिगर दोस्त होण बहोत बुरी हुई रे

आसाड़ महिना की जिगर दोस्त होण बहोत बुरी हुई रे

सातत्व दिन सोमवार नरबदा म नाँव दुँबी गई रे

दूर दूर का आया मुसाफिर काळ घटा छाई

भरी नांव का बिच म कईकीरांड कपटेण बठी गई रे

अवंधी की संवधि चल हवा न कभी जोर की चली रे

टूटी गया नांव का खम्ब नांव गर्र्यी न बठी गई रे

तिस लड़का धामनोद का डूबी गया न चार की बुरी हुई रे

नत्थू पटेल गोपाल संग म नथी कारेण डूबी गई रे

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