Friday, 11 November 2022

म्हारी नईयाँ लगई दिजो पार रे गोवर धन गिरधारी

म्हारी नईयाँ लगई दिजो पार रे गोवर धन गिरधारी

मख पोईचई दिजो पईली पार रे

नदीयाँ गहरी नाव पुराणी

आरे आसो नई कोई खेवण हार रे

अद बिच नाव पड़ी मझधार

आरे आसो सूझ नही वार पार

डुबती नाव उबारो कन्हेयाँ

आरे म्हारी बेगा सुणो न पुकार

हाथ जोड़ हम करा बिनमती

आरे आसा तुम करण आधार

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