ताम्बे का दुलदुला न खोटा कळजुग का पयरा
अरे दौलत के कारण बईण ने सगा भाई मारा जी
पाँच बरस का गया नौकरी न रुपियाँ कमई लाया
बैण घर तो भाई आया सगा माड़ी जाया जी
पाँच रुपैया का कपड़ा लाया न बैण को पिनवाया
किया पाँच पकवान बैण ने भाई जिमवाया जी
आधी रात दरम्यान रांड वा कयती खावीन को
सोया है की जाग्या रे खावीन मारो साला को जी
असल जात छत्री को बेटो कयतो बईयान
तू मारे तो मार पापणी दोष लगे हमको जी
आधीरात अनमोल रांड वा चड़ बैठी छाती
अरे हेड़ा खुटी से खंजर रांड ने मारा भाई को जी
उड़े खून फव्वारा रांड जब करती चतुराई
दिन निकले तो पुलिस आई न तुरंत बंदवाई जी
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