Sunday, 6 November 2022

चतुर क मारियो रे मुरख तुन नहीं करी रे पईचाण

 चतुर क मारियो रे मुरख तुन नहीं करी रे पईचाण

श्रवण अपणा मात पीता क लई तीरथ को जाता रे

मात पीता को त्रासा लागी, अरे वो पाणी लेण क जाय

राजा दशरथ न बाण चड़ाया बैठ्या सरवरी पाळा रे

जळ म तुमड़ी डूबवण लागी अरे उन खैची मारीयो रे बाण

श्रवण की आवाज सुणी न आया ओका पासा रे

देखि न मन घबराई गयो रे, अरे तुन काई क मारीयो बाण

राजा दशरथ तुम सुणी लेवो रे तुमक देंवा श्रापा रे

लाल बिरो म्हारो तड़फ रयो है, अरे म्हारा मन म लगई आग



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