Sunday, 5 January 2014

जलम्या छे कृष्ण मुरार

जलम्या छे कृष्ण मुरार भक्त के हो कारणा
मथुरा म लियो अवतार गोकुल बांदिया पालणा
तिथी अष्टमी बुधवार भादव की बताविया
रोयणी नक्षत्र आधी रात शुभ घड़ी जलम लिया
धन देवकी वासुदेव जहाँ रे प्रभु जलम्या
धन बाबा नंद जसोदा जहाँ प्रभु पग पड़ीया
धन धन श्री हरी नंद मुनि की जय जय कार करें
मुरली बाजे आकाश सोहम बरखा करें
ताल बाजे रे मृदंग और बाजे बासुरी
निरत करें गोपी ग्वाल यशोदा हासती

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