हम ब्रज की ग्वालन मार्ग बिच खड़ी कड़ी
आरे जावो गिरधर हमको रोके घड़ी घड़ी
नानी नणदुल संग म घर मोरी सास लड़े लड़े
आरे बाली बेस उमर में नहीं हम छोटी बड़ी बड़ी
नहीं बालक वाली हम हैं नार छड़ी छड़ी
तुम हो नंदलाल मुकुट में मणी जड़ी जड़ी
आरे बंसी ललकारे कानन आवाज पड़ी पड़ी
राधा कृष्ण को झगड़ो सुणो सभा म आई आई
राधा सरमाई कृष्ण हार गई गई
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