प्रथम गाऊ रे गणेश न श्री देव धरा
गाऊ म्हारा हरी आवतार प्रभु कृपा हो कर
लाग्यो पोष महीनों रे महाराज देवकी गाईया सोष कर
सोष पोष गर्भवास बालो म्हारो नही रे जीव
लाग्यो माह महीनों रे महाराज मंदिर म बिरोल कर
किनक कहू रे वासुदेव बालो म्हारो रे नहीं रे जीव
लाग्यो फागुन महीनों रे महाराज चंद्र मिरदिंग बाज
मथुरा म उड़ी रयो फाग अबीर गुलाल उड़े
लाग्यो चैत महीनों रे महारज सुमरू हो देवी शारदा
पूतर दीजो एक कलू म थारो नाम चल
लाग्यो वैशाख महीनो रे महाराज धुप जमीन पड़
जेठ महीनो रे महाराज वमस्वति रूप धर
लाग्यो आषाड़ महीनों रे महाराज छोटा मोटा बूंद गीर
बन म बोल मोर पपैया पिहू पिहू कर
लाग्यो श्रावण महिनो रे म्हारा बाला न सपनों हो दियो
धीर धरो देवका माय कंस नीर वंस करा
लाग्यो भादव महीनों रे महाराज केशर पाल धर
अष्ठमी दिन बुधवार कृष्ण अवतार धर
Saturday, 4 January 2014
प्रथम गाऊ रे गणेश
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ग्वालन
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