आज सखी मथुरा हो बिंद्रावन कान्हा कान्हा कन्हैया हो
मथुरा में हरी जन्म लियो हैं कंस राय पयरा हो धरे
श्रीमंत जी न सपनों सुझायो
रामा चन्द्रभुज दर्शन दियो
मथुरा से हरी गोकुल आये वासुदेव गोद उठाया हो
जमुना जी ने चरण छुया हैं
क्षत्र नाग करी छाया हो
आकासुर मारे बकासुर मारे मारिया छे मामा कंस हो
जहेर चारी लई पूतना हो मारे
जिनका जाधव सोस करे
धन हो बिंद्रावन धन बाबा नंद धन धन जसोदा माय हो
नरस्यानु स्वामी न अन्तरयामी
रुडा रास रमाये हो
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