कहें माँत उठो मेरे लाल की आरती होने लगी
होने लगी रे नंदलाल की आरती होने लगी
निंद्रा त्यागों उठो कन्हैया
उठो कन्हैया मेरे जागो कन्हैया
आयो रे उषा काल
पनघट उपर चली पणिहारी
गड़ गोकुल की वा सुंदर नारी
जेका सीर पर चुन्दड लाल
माता यशोदा हरि क जगाड़
उठो नंदलाल म्हारा बंसी बजाओ
थारी वाट जोव रे ग्वाल बल
राधा रंगेली तुमक बुलाव
मनमोहन म्हारा प्रीतम आव
वो तो जाई रही सरवरी पाल
ब्रिंदाबन म शोर मच्यो हैं
सखी अनसुत घर गयो हैं
वाकी ग्वालन जोई रई वाट
नहाय धोय घर आया पुजारी
गरु रे सिंगाजी दस अवतारी
सिंगाजी की आरती गाव नर नारि
बजे शंख घड़ियाल
Saturday, 4 January 2014
कहें माँत उठो मेरे लाल
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