माता गवरा का लाल गजानन नमन करा बार बार
रिद्धी सिद्धी स्वामी चवर ढूलारे करी सेवा सार
कार्तिक स्वामी जी भाई तुम्हारा
शीव शत्रु का रे दुलार
दुध दिप से आरती उतार स्वामी करी जय जय कार
मोदक लाड़ू भोग लगावो
प्रभु मूसा हुया असवार
एक दंत स्वामी दया का सागर सबको करो रे उद्धार
चार भुजा गल फुलन की माला
प्रभू महीमा छे अपरम पार
सब देवन म उचा सिंहासन करी रया जय-जय कार
अमर नाम के श्री गजानन
राखो चरण अधार
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