हरे नोटिस आयारे राजा राम को,
तामील कर लेना
जमपती राजा आई बैठा,
अरे बैठा पंख पसार
हंसराज को हो लई हो गया
लईगया स्वर्ग का द्वारा
काया सिंगारी राई आगणा,
झुरीया रे सारा
सब साज घर बाजी रयाँ
उड़े रंग गुलाला
माता रोवे रे थारी जलमी,
बईण वार त्योहारा
तीरया रोयवे थारी तीन घड़ी
दुसरो घर बारा
कहत कबिर धर्मराज से,
साहेब सुण लेणा
अन्त का परदा हो खोल के
जीनको अन नी पाणी
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