जोगी ढ़ुढ़ण हम गया,
कोई न देखयो रे भाई
एक गूरु दुजो बालको,
तीजो मस्त दिवानो
छोटा सा आसण बैठणा
जोगी आया हो नाही
जोगि की झोली जड़ाव की,
हीरा माणीक भरीया
जो मांगे उसे दई देणा
जोगी जमीन आसमाना
आठ कमल नौ बावड़ी,
जीन बाग लगाई
चम्पा चमेली धवळो मोंगरो
जीनकी परमळ फास
पान छाई जोगी रावठी,
फुल सेजा बिछाई
चार दिशा साधु रमी रया
अंग भभुत लगाई
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