Tuesday, 11 March 2014

धन धन रे श्रृंगी सुरमा

धन धन रे श्रृंगी सुरमा
बाबा चवर डुलळाया केशवा
बाबा रे कोण पुरूष का बालका
आसि कोण घर लियो अवतार रे
बाबा कोण माता का पय हो पीयाँ
आसो कोण दियो उपदेशा रे
बाबा माता गवूर का पय हो पीयाँ
आसो गुरू मनरंग दियो उपदेश रे
बाबा दल्लू पतिलजा की बिनती रे
गुरू राखो तो चरण अधार रे

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