धन धन रे श्रृंगी सुरमा
बाबा चवर डुलळाया केशवा
बाबा रे कोण पुरूष का बालका
आसि कोण घर लियो अवतार रे
बाबा कोण माता का पय हो पीयाँ
आसो कोण दियो उपदेशा रे
बाबा माता गवूर का पय हो पीयाँ
आसो गुरू मनरंग दियो उपदेश रे
बाबा दल्लू पतिलजा की बिनती रे
गुरू राखो तो चरण अधार रे
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