"हम परदेशी पावणा दो दिन का मेजवान"
नरबदा वार बसे ॐकार पयड़ी पयड़ी राम बसत है आरे आसा दर्शन करे नर नार देवुल का समान नादीयाँ की मुरती आरे आसी गला मऽ घुघर माल अस्सी अस्सी कोष की साड़ी लगत है आरे आसा संत उतर गया पार कहेत कबीर सुणो भाई साधू आरे आसा राखो ते चरण आधार
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