आरे गुरू सिंगाजी को नाम
जहा बणी रही वैकुंठ धाम
निमाड़ भुवाणो बिठ्ठल जी को ठाणो
आरे वो खजुर जलम है भोम
पतेल डोंगरू जात भिलाळो
आरे वो नमी नमी कर परणाम
नगर पीप्ळीयो मुंदी परगणो
आरे वहा संतन को रे विश्राम
कहे जण दल्लू सुणो भाई साधू
आरे वहा अखण्ड जोत मुधाम
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