जिन दी दरीयाव मऽ डोर सतगुरू सुरमा
बाबा सिंगाजी लिम्बाजी दोई सारका
जैसे राम लखन की जोड़
बाबा पयको रे परचो हमन सुणीयो
जिन दूही रे कुँवारी झोट
बाबा होवे सदा वहा भण्डारे
जहाँ बणे हो राम जी की रोट
बाबा चन्दा सूरज सा ऊजला
जामे रती भरी नही खोट
बाबा दल्लू हो पतिलजा की बिनती
गुरू राखो ते चरण की वोट
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