Thursday, 13 March 2014

मनब तु अमोल बाणी बोल

मनब तु अमोल बाणी बोल
आरे थारो तिन लोक मऽ मोल
ओहम सोहम दो पलवा बणायाँ
आरे भाई निरगुण उत्तर से तोल
तन मन धन का बाट बणायाँ
आरे भाई सुरत मुरत सी तोल
आठ नौ मास गरभ मऽ रयो
आरे भाई कळु मऽ झूट मत बोल
एक कायाँ का दस दरवाजा
आरे भाई इधर उधर मत डोल
भव सागर अथाय भरीयो है
आरे भाई सत का पलवाँ तोल
कहे जण सिंगा सुणो भाई साधू
कहे गुरू सिंगा सुणो भाई साधू
आरे भाई अमर वचन नीत बोल

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