मै तो दूवाली बनु तेरा नाथ जी
तु साँचा साहेब मेरा नाथ जी
पाँच हथियार जुगत करी बांधो, नव ठाकुर भव तेरा
जम राजा से लेवुगा लडाई = सनमुख लङुँगा अकेला
दवाद मंगा ले कलम मंगाले, पट्टा लिखवा ले घणेरा
अमरापुर की जमीन लीखा ले = बैकुंठ का बसेरा
चुन चुन कणिका महल बनाया, दस दरवाजा गहेरा
काया गड़ की करो रखवाली = लुटने न पावे डेरा
राम नाम की जहाज बना ले, काष्ठ भरियो बहुसारा
कहे जन सिंगा सुणो भाई साधू = मनरंग उताहरण हारा
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